कहीं हाल बेहाल सूखे होंठ बिखरी जुल्फें उखड़ा चेहरा दुखड़ा बेहाल। कहीं हाल बेहाल सूखे होंठ बिखरी जुल्फें उखड़ा चेहरा दुखड़ा बेहाल।
पता नहीं क्या खासियत हैं इस मौसम की जो मुझे हँसने पर मजबूर कर देती हैं पता नहीं क्या खासियत हैं इस मौसम की जो मुझे हँसने पर मजबूर कर देती हैं
ये बेरंग हवाएं पूछे हैं किस ओर तेरी वो प्रीत चली ये बेरंग हवाएं पूछे हैं किस ओर तेरी वो प्रीत चली
सुबह हल्की सर्द सी झांककर देखा गलियारे में खड़े ठिगने से पौधों पर नई कोंपले आ गई थी। सुबह हल्की सर्द सी झांककर देखा गलियारे में खड़े ठिगने से पौधों पर नई को...
यह धरती हैं माँ का आँचल इसकी आन को संभाले रखना। यह धरती हैं माँ का आँचल इसकी आन को संभाले रखना।
शाम जो तेरे पहलु में ढलती है, फिर रात दिन तुझसे मिलने को तरसती है। शाम जो तेरे पहलु में ढलती है, फिर रात दिन तुझसे मिलने को तरसती है।